पंचायती राज में भ्र्ष्टाचार की नई कहानी – डकार गए गरीब के आवास का पूरा पैसा

रीवा, मप्र। पंचायती राज में भ्रष्टाचार की कहानी कोई नई नहीं है लेकिन यह कहानी थोड़ी अलग है क्यूंकि इसमें झोल ऊपर तक नज़र आ रहा है। मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले के जनपद पंचायत नईगढ़ी के ग्राम पंचायत अलौहा है। जहाँ ग्राम हंसलो 1059 निवासी रामकली पति गोविंद पटवा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ हमें नहीं मिला है। इस सम्बन्ध में जब एक क्षेत्रीय नेता से शिकायत की गई तो हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ। मामले को गंभीरता से लेते हुए नेता जी के द्वारा सीएम हेल्पलाइन शिकायत क्रमांक 23220882 में शिकायत की गई। जिसके बाद जनपद पंचायत नईगढ़ी के अधिकारी द्वारा सीएम हेल्पलाइन के शिकायत प्रतिवेदन में लेख किया गया है कि वर्ष 2020-21 में हितग्राही को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया गया है। इतना ही नहीं आगे लिखा था, समस्त किस्त प्रदान किया जा चुका है जिसका पीएमआईडीएमपी 4316847 है। पंचायतीराज में भ्रष्टाचार कि कहानी नई नहीं है लेकिन रामकली पति गोविंद पटवा जैसे न जाने और कितने मासूम – लाचार हितग्राही होंगे जो इसका शिकार हो चुके होंगे और उन्हें खबर तक नहीं। मामले में हितग्राही द्वारा एक चैनल को बताया गया कि आज तक मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना कि राशि नहीं मिली है। जिसकी वजह से मैं आज तक घर नहीं बनवाई हूँ। इस सम्बन्ध में जिसकी शिकायत 1 अगस्त 2023 जनसुनवाई कलेक्टर रीवा, सीईओ जिला पंचायत रीवा एवं जिला पंचायत अध्यक्ष रीवा से की गई है। ऐसे मामलों के बाद एक बार फिर पंचायतीराज से जुड़े कर्मचारी और जनप्रतिनिधि पर कई सवाल खड़े हैं कि आखिर कैसे हितग्राही रामकली पटवा के आवास निर्माण कि दूसरी क़िस्त का पैसा निकला जबकि नियमावाली के अनुसार जिओ टैग के बिना यह संभव नहीं और जिओ टैग के लिए शायद लिंटर तक भवन निर्माण जरुरी है। अब ऐसे में साफ झलकता है कि ग्राम पंचायत के कर्मचारियों और सरपंच – पंच का इस झोलझाल में हिस्सा बराबर रहा होगा। मामले में कितनी सच्चाई है या रामकली पटवा का आरोप कितना सही है यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा लेकिन पंचायतीराज में चल रहे भ्र्ष्टाचार से मुँह नहीं फेरा जा सकता।

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