रीवा, मप्र। त्योंथर की मिट्टी को यथार्थ कर उसका कर्ज लौटाने के लिए वापस जमींन पर उतरे एक ऐसे शख्स की जिनकी कलम कभी झुकी नहीं जिन्होंने अपनी शालीनता और क़ाबिलियत से अपने नाम को भी यथार्थ कर दिखाया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना लोहा मनबाने के साथ – साथ राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा के मुख्य विषय रहते हैं वरिष्ठ पत्रकार मधुकर द्विवेदी। जैसा नाम वैसी ही शख्सियत। नाम के अनुरूप ही उनके चहरे पर हमेशा ही मंद – मंद मुस्कान आपको देखने को मिल जाएगी और उतनी मधुर वाणी से लोगों का दिल भी जीत लेते हैं मधुकर द्विवेदी। इतिहास के पन्नो को अगर खंगालें तो अपनी बेबाक कलम की वजह से कई बार बड़े विरोध का सामना भी करना पड़ा है, जिसकी वजह से उन्हें सुरक्षा भी प्रदान की गई थी। इतना सब होने के बावजूद कभी भी पीछे नहीं हटे मधुकर द्विवेदी। पत्रकारिता जगत में लम्बी पारी खेलने के साथ – साथ मधुकर जी राजनीतिक और सामाजिक दोनों हो क्षेत्रों में बड़ी ही कुशलता से सक्रिय रहे हैं। यही वजह है कि मधुकर जी का कार्यक्षेत्र भोपाल होने के बावजूद रीवा से लेकर उनके गृह विधानसभा त्योंथर में भी उनकी एक अलग पहचान बनी हुई है और शायद यही राजनीतिक नीति भी है मैदान में दावेदारी पेश करने कि और बेहतर प्रदर्शन की।
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क्षेत्रीय दौरों ने बढ़ाया राजनीतिक संघर्ष
वरिष्ठ पत्रकार मधुकर द्विवेदी जी के भाजपा में शामिल होने के बाद त्योंथर की राजनीति में एक अलग बयार शुरू हो चुकी है। सालों से जनता के बीच रहने के बाद भी बाक़ी लोग जो हासिल नहीं कर पाए वो सब अब जनता मधुकर जी पर लुटा रही है। अब त्योंथर की राजनीति में एक और नाम बढ़ – चढ़ कर लिया जा रहा है। जबकि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए वरिष्ठ पत्रकार मधुकर द्विवेदी ने कहा है कि “45 वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने के बाद अब मैं जनसेवा करने के लिए राजनीति के क्षेत्र में आया हूँ। राजनीति में आकर धन कमाना मेरा लक्ष्य नहीं है और न ही कोई पद हासिल कर इतराना मेरी नियति है।”
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हालांकि भाजपा में शामिल होने से पहले भी मधुकर जी का दौरा विधानसभा त्योंथर में समय – समय पर देखने को मिलता रहा है। विधानसभा के एक छोर से दूसरे छोर तक का दौरा उन्होंने पहले ही कर लिया है, उन्होंने बिना थके बिना रुके अपनी उम्र और तबियत को भी कभी आड़े नहीं आने दिया। जो लोग पहले से मधुकर द्विवेदी को जानते हैं उनका कहना है कि अगर राजनीतिक मैदान में मधुकर जी उतारे जाते हैं तो क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होना तय है। क्यूंकि बाक़ी लोगों को त्योंथर से विधानसभा जाना है जबकि मधुकर जी पहले से ही विधानसभा में सक्रिय रह चुके हैं और उन्हें पता है कहाँ से कौन सा काम आसानी से हो सकता है। साथ ही प्रबुद्ध वर्ग और युवा वर्ग से चर्चा करने पर महसूस होता है कि उन्होंने पहले ही मधुकर द्विवेदी को अपना विधायक मान लिया है। अब पार्टी का सर्वे तय करेगा की मधुकर जी चुनावी मैदान में उतारे जायेंगे या नहीं !