प्रवेश द्वार पर नाम लिखने के नाम पर दो गुट में विवाद

नावाडीह (बेरमो) : डुमरी फुसरो पीडब्लूडी रोड़ पर पोटसो जाने वाले मार्ग पर विधायक मद से निर्मित प्रवेश द्वार पर नाम लिखने को ले दो गुट में रविवार की रात जमकर विवाद हो गया । स्थिति नहीं बनने पर सोमवार को पोटसो पंचायत के सैकड़ों लोगों ने संयुक्त हस्ताक्षर युक्त आवेदन स्थानीय मुखिया उमेश कुमार महतो एवं पंसस पति महतो के नेतृत्व में नावाडीह सीओ अशोक कुमार सिन्हा व नावाडीह थाना प्रभारी मनीष कुमार को देते हुए न्याय की गुहार लगाई है । पोटसो के ग्रामीणों ने मामले की जानकारी बोकारो उपायुक्त एवं मंत्री पुत्र अखिलेश महतो को भी दी है ।
पोटसो मुखिया उमेश कुमार महतो ने बताया कि दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की ओर से सुरही मोड़ से पोटसो जाने वाले मार्ग पर पोटसो प्रवेश द्वार निर्माण का ऑनलाइन शिलान्यास बीते 26 जनवरी 2023 को किया था । शिलान्यास के उपरांत जब उक्त प्रवेश द्वार का निर्माण सुरही के खाता संख्या 36 में प्रारंभ किया गया तो उक्त जमीन के रैयत की ओर से आपत्ति प्रकट किया गया था । बाद में रैयत संग चार मार्च 2023 को हुई बैठक में सहमति बनने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया । अब जब पोटसो प्रवेश द्वार बनकर तैयार हो गया है तो उक्त प्रवेश द्वार पर मां बागेश्वरी धाम प्रवेश द्वार पोटसो लिखे जाने पर विपक्ष के लोग यह कहते हुए विरोध करने लगे कि प्रवेश द्वार पर पोटसो के जगह सुरही मोड़ अंकित रहेगा । इसके अलावा प्रवेश द्वार पर लिखा मां बागेश्वरी धाम मिटा दिया । जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित है । मुखिया ने कहा कि जिस जगह प्रवेश द्वार का निर्माण किया गया है, वह मार्ग पोटसो जाता है । ऐसे में उक्त प्रवेश द्वार पर पोटसो मोड़ ही लिखा जाएगा । जबकि समझौता में मां बागेश्वरी धाम प्रवेश द्वार पोटसो लिखने पर सहमति बनी थी । वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि शिलान्यास उपरांत जब प्रवेश द्वार निर्माण प्रारंभ किया गया तो पोटसो मुखिया संग रैयत की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि निर्माण स्थल सुरही में है । इस लिहाज से प्रवेश द्वार पर सुरही मोड़ ही अंकित रहेगा । साथ ही प्रवेश द्वार निर्माण स्थल मजार मोड़ के नाम से प्रचलित रहने के कारण मजार मोड़ के नाम से ही जाना जाएगा । यहां उप मुखिया संतोष साव, पप्पू कुमार, कंचन त्रिगुनायत, राकेश रोशन, छोटन महतो, खागेश्वर पांडेय, वैधनाथ पांडेय, डेगलाल महतो, जानकी महतो, बुधन तुरी, रघुनाथ सिंह, नेमचंद महतो, प्रदीप सिंह, उमेश नामक, चुन्नीलाल महतो, मंगर तुरी, हुलास महतो आदि उपस्थित थे ।

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