बड़ी खबर : जनपद पंचायत त्योंथर की सबसे बड़ी पंचायत में सबसे बड़ा झोलझाल

रीवा। एक तरफ प्रशासन की नीति गांव और गरीबों को सुदृण बनाने की रही है तो दूसरी तरफ तरह – तरह की सर्वजन हिताय योजनाएं प्रशासनिक स्तर पर धरातल में लाई जाती है जिससे गांव की दशा में सुधार हो सके लेकिन क्या हो जब प्रशासनिक इकाई में बैठे जिम्मेदार ही इन योजनाओं में पतीला लगाए बैठे हों ?

मामला है रीवा जिले की सबसे बड़ी पंचायत सोनौरी का जहां कागज पर धड़ल्ले से विकास कार्य किए जा रहे लेकिन हकीकत में कुछ नहीं है। आपको बता दे सोनौरी पंचायत के ही सामाजिक कार्यकर्ता को जब सरपंच और सचिव पर धांधली करने का संदेह हुआ तो मोतीलाल तिवारी व उमेश पुरी ने सूचना के अधिकार का प्रयोग किया। जिसकी जानकारी देने में जनपद त्यौंथर और पंचायत सचिव ने काफी हिलाहवाली की लेकिन जब सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी ना देने पर प्रथम अपील लगाई गई तो मजबूरन जानकारी देनी पड़ी। जब हुए विकास कार्यों की सूची सामाजिक कार्यकर्ताओं के हाथ लगी तो ये खुलासा हुआ की पीसीसी सड़क निर्माण के नाम पर – 2699440 रुपये,पक्की नाली निर्माण के नाम पर-2538311 रुपये, पुल पुलिया(रपटा) व आँगन बाड़ी भवन निर्माण के नाम पर – 1885000 रुपये, नाली व गाँवो के साफ सफ़ाई व अन्य व्यय के नाम पर – 2482850 रुपये की राशि वर्तमान सरपंच सचिव द्वारा आहरित की गई है।

विधानसभा चुनाव में ग्राम पंचायत सोनौरी 6 पोलिंग बूथों के व्यवस्था के नाम पर – 323000 रुपये की राशि आहरित की गई है जो अतिसंयोक्ति है। वृहद वृक्षारोपण के नाम पर 300000 रुपये की राशि लगभग 1 वर्ष पहले ही आहरित की चुकी है लेकिन आज तक एक भी वृक्ष कहीं नही लगे है। ग्राम पंचायत सोनौरी के सींगौ टोला में ग्रामीणों द्वारा चबूतरे का निर्माण कराया गया था, जिसे सरपंच सचिव द्वारा कागज में नया निर्माण दिखा कर 80000 रुपये की राशि आहरित कर ली गई है। दिलचस्प बात तो ये है कि ग्राम पंचायत सोनौरी में पंचायत भवन ही नही है फिर भी कार्यालय व्यवस्था के नाम पे लाखो रुपये की राशि आहरित की गई है।

जुड़े व्हाट्सप्प चैनल से Click Here

आपको बता दें की ये सारी जानकारी पंचायत लोक सूचना अधिकारी (पंचायत सचिव) द्वारा प्रमाणित प्रतियों में प्राप्त हुई है। जिसकी शिकायत मोती लाल तिवारी व उमेश पुरी ने मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन, जिला पंचायत सीईओ, जिला कलेक्टर, जनपद पंचायत त्यौंथर में की जा chuki है। बीते 7 जून को त्यौंथर जनपद के एसडीओ अपनी टीम के साथ जांच में भी आए लेकिन सचिव अस्वथता का बहाना मार कर जांच दल के सामने नहीं आए। तो वहीँ सरपंच ने जांच दल को भटकाने का काफी प्रयास किया लेकिन फिर भी जांचदल ने हर एक जगह का मुआयना किया और सबूत इकट्ठा कर जल्द कार्यवाही करने की बात कही। शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया की सोनौरी पंचायत में सचिव पद पर अमर सिंह हैं लेकिन वो कभी भी पंचायत में नहीं आते हैं। लोगों ने भी बताया की हम तो अमरेंद्र को ही जानते हैं सचिव। सचिव अमर सिंह का बड़ा पुत्र अमरेंद्र सिंह ही सारा कार्यवाह सभालते हैं जिसकी पूरी जानकारी जनपद स्तर के कर्मचारी यहां तक की जनपद त्यौंथर के सीईओ राहुल पांडे जी को भी है।

अब विचार करने वाली बात यह भी है की सचिव अमर सिंह यदि इतने बीमार थे कि पिछले कई वर्षों से सचिव का कार्य उनके लड़के अमरेंद्र को सभलना पड़ रहा है तो फिर ऐसे सचिव को दो – दो (सोनौरी और रजहा) पंचायतों का प्रभार जनपद द्वारा क्यों दिया गया है ? उनका मेडिकल ठीक उसी तरह क्यों नहीं लगाया गया जैसे सोनौरी पंचायत के पूर्व सचिव का लगा कर मेडिकल लीव दी गई थी ?

सूत्रों कि माने तो यह बंदरबांट सिर्फ सोनौरी पंचायत में नहीं बल्कि सचिव और सचिव पुत्र द्वारा मिलकर रजहा पंचायत में भी जारी है। मतलब एक तरफ बेटा तो दूसरी तरफ पिता सरकारी कोष में घाट लगाए बैठे हैं और बड़ी ही चालाकी से लाखों रुपय डकार गए। शिकायतकर्ता मोती लाल तिवारी और उमेश पुरी ने कहा कि ग्राम पंचायत सोनौरी में पीसीसी निर्माण, पक्की नाली निर्माण, गौशाला व्यवस्था, वृहद वृक्षारोपण, कार्यालय व्यवस्था, गाँवो की साफ सफाई, नाली की साफ सफाई,चबूतरा निर्माण, तथा विकास यात्रा, अमृत महोत्सव,आनंद उत्सव, के नाम पर घोर वित्तीय अनियमितता ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच एवम सचिव द्वारा की गई है जिसकी उच्च स्तरीय बिंदु बार जांच कराई जाएगी तो करोड़ों रुपए का भ्रस्टाचार उजागर हो सकता है। (ब्रह्मानंद त्रिपाठी, बहरैचा)

error: Content is protected !!